हाल ही में सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि भारत के कुछ हिस्सों में तापमान 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है। इस खबर ने लोगों के बीच घबराहट और चिंता फैला दी। लेकिन अब भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे को पूरी तरह फर्जी बताया है। यह घटना फिर से यह सोचने पर मजबूर करती है कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहें किस हद तक लोगों को गुमराह कर सकती हैं।
क्या था वायरल दावा?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे WhatsApp, Facebook, Twitter और Instagram पर कुछ पोस्ट्स और फॉरवर्ड मैसेज तेजी से वायरल हुए, जिनमें कहा गया कि:
“भारत सरकार ने चेतावनी जारी की है कि कुछ राज्यों में तापमान 55°C तक जा सकता है।”
इन पोस्ट्स के साथ नकली सरकारी लोगो और इमरजेंसी अलर्ट जैसी फर्जी ग्राफिक्स भी लगाई गई थीं।
कैसे बना यह फेक अलर्ट इतना वायरल?
सोशल मीडिया के दौर में कोई भी तस्वीर, ग्राफिक्स या मैसेज जब एक साथ कई ग्रुप्स में भेजा जाता है तो वो तुरंत “वायरल” हो जाता है। 55°C अलर्ट फर्जी निकला इस केस में भी एक नकली चेतावनी जिसमें 55°C तापमान की बात की गई थी — ग्राफिक्स के साथ फैलाई गई। इसमें:
- भारत सरकार का झूठा लोगो इस्तेमाल किया गया
- “इमरजेंसी अलर्ट” जैसा फर्जी डिजाइन बनाया गया
- लोगों की चिंता और गर्मी के डर का गलत फायदा उठाया गया
सरकार का स्पष्टीकरण (PIB फैक्ट चेक):

सरकारी फैक्ट-चेकिंग एजेंसी PIB Fact Check ने इस 55°C अलर्ट वायरल खबर को गलत बताया और ट्वीट करते हुए लिखा:
“सोशल मीडिया पर फैल रही 55°C टेम्परेचर की चेतावनी फर्जी (FAKE) है। भारत सरकार ने ऐसा कोई अलर्ट जारी नहीं किया है।”
सरकार ने विभिन्न सोशल मीडिया चैनलों पर प्रसारित उन पोस्ट को खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने 29 मई से 2 जून के बीच तापमान में 55 डिग्री सेल्सियस तक की संभावित वृद्धि पर हाई अलर्ट जारी किया है। प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक यूनिट ने स्पष्ट किया कि सरकार ने ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है और नागरिकों को भारतीय मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट की जांच करने का निर्देश दिया है।
55°C तापमान अलर्ट फर्जी साबित हुआ है। हाल ही में सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया कि भारत के कुछ हिस्सों में तापमान 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है । लेकिन भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे को पूरी तरह झूठा और भ्रामक बताया है।
लोगों की प्रतिक्रिया क्या रही?
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर चिंता जताई, कुछ ने इसे गंभीरता से लेते हुए पानी, पंखे और इन्वर्टर जैसे उपकरणों की बड़ी खरीदारी शुरू कर दी। वहीं कई लोगों ने इसे मज़ाक के तौर पर मीम्स में बदल दिया।
ट्विटर पर एक यूज़र ने लिखा:
“अगर 55°C हो गया तो मैं उबल जाऊँगा, पकौड़े बनने से पहले मिर्ची तो काट लो!“
– @SarcasticSamosa
सोशल मीडिया पर अफवाहों की भूमिका
सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जहाँ खबरें बहुत तेजी से फैलती हैं। लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या है बिना पुष्टि किए खबरें शेयर करना। कुछ प्रमुख कारण:
- Clickbait (ध्यान खींचने के लिए झूठे हेडलाइंस)
- जानकारी की कमी (लोगों को सही और गलत में फर्क नहीं होता)
- भय और घबराहट फैलाना (emotion-based वायरल कंटेंट)
ऐसी फर्जी खबरों के परिणाम क्या हो सकते हैं?
जनता में अनावश्यक डर और अफरा-तफरी
बिजली और जल संकट की झूठी तैयारी
सरकारी एजेंसियों पर भरोसा घटता है
स्वास्थ्य संबंधी गलत निर्णय (जैसे बाहर ना निकलना, गलत दवाएं लेना)
फेक न्यूज से कैसे बचें? (Tips for Public)
- PIB Fact Check जैसे सरकारी स्रोतों की पुष्टि करें
- WhatsApp या Facebook पर आया हर मैसेज तुरंत फॉरवर्ड न करें
- संदिग्ध खबरों को Google पर सर्च करें
- किसी भी खबर को शेयर करने से पहले सोचें, जांचें और फिर करें
ऐसी अफवाहों को रोकने की ज़रूरत है
55°C तापमान की फर्जी चेतावनी ने एक बार फिर दिखा दिया कि सोशल मीडिया पर जानकारी की जिम्मेदारी कितनी अहम है। सरकार और जनता दोनों को मिलकर ऐसी अफवाहों को रोकने की ज़रूरत है। याद रखें — सोशल मीडिया का सही उपयोग हमें जागरूक बना सकता है, लेकिन गलत इस्तेमाल समाज को भ्रमित भी कर सकता है।
क्या आपने भी ऐसी किसी फेक न्यूज़ का शिकार हुए हैं? कमेंट में जरूर बताएं और इस जानकारी को दूसरों तक पहुंचाने के लिए शेयर करें!

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