क्या पायलट्स वाकई दोषी थे या किसी बड़ी तकनीकी चूक को छिपाया जा रहा है?
हाल ही में Air India plane crash अहमदाबाद की शुरुआती रिपोर्ट सामने आई है जिसने कई चौंकाने वाले सवाल खड़े कर दिए हैं। ये रिपोर्ट भारत की एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जारी की है और यह हादसा अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुआ था। रिपोर्ट आते ही सबसे पहले जो चीज़ चर्चा में आई वो थी बोइंग कंपनी के शेयरों का अचानक ऊपर चढ़ना। एक साल में हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गए। इशारा कहीं ना कहीं पायलट्स की ओर किया जा रहा है। लोगों के मन में तुरंत यह सवाल आया कि कहीं यह रिपोर्ट जानबूझकर पायलट्स को दोषी ठहराने के लिए तो नहीं बनाई गई? क्या किसी बड़ी तकनीकी खामी को छिपाया जा रहा है?
टेक-ऑफ से पहले सब कुछ सामान्य था
Air India plane crash 12 जून को इस हादसे की शुरुआत हुई थी जब सुबह 11:17 बजे फ्लाइट दिल्ली से अहमदाबाद पहुंची थी। प्लेन को जब पार्किंग बे नंबर 34 पर खड़ा किया गया, तब क्रू मेंबर्स ने एक तकनीकी शिकायत दर्ज की “स्टैब POS XDCR”, जो कि प्लेन के पिछले हिस्से में लगे हॉरिजॉन्टल स्टेबलाइज़र की पोजीशन मापने वाले सेंसर से जुड़ी थी। यह एक जरूरी सेंसर होता है जो प्लेन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। इस शिकायत के बाद इंजीनियरों ने इसे ठीक किया और दोपहर 12:10 बजे प्लेन को दोबारा उड़ान भरने के लिए क्लियर कर दिया गया। फ्लाइट को उड़ाने वाले दोनों पायलट मुंबई से थे और वे पहले ही रात में अहमदाबाद पहुंचकर आराम कर चुके थे। फ्लाइट के दौरान को-पायलट प्लेन उड़ा रहे थे जबकि कैप्टन निगरानी कर रहे थे जिसे एविएशन की भाषा में PF (Pilot Flying) और PM (Pilot Monitoring) कहा जाता है। दोनों पायलट्स ने उड़ान से पहले ब्रेथ एनालाइज़र टेस्ट भी पास किया था, यानी वे नशे में नहीं थे। टेक ऑफ से पहले प्लेन में 54,200 किलो फ्यूल था और कुल वजन 2,13,000 किलो यानी जो पूरी तरह से मंज़ूर की गई सीमा में आता था।। रिपोर्ट में दी गई सटीक टाइमलाइन इस बात का इशारा करती है कि घटना कितनी तेजी से घटी और कितनी गंभीर थी।
टेक-ऑफ के 8 सेकंड बाद बंद हो गए दोनों इंजन

प्लेन ने दोपहर 1:38:39 पर टेक ऑफ किया था, हालांकि पहले 1:38:44 बताया गया था। टेक ऑफ के महज तीन सेकंड बाद, 1:38:42 पर प्लेन ने 180 नॉट्स (करीब 333 किमी/घंटा) की स्पीड पकड़ ली थी। लेकिन ठीक इसी क्षण से सब कुछ बिगड़ने लगा। अचानक दोनों इंजन के फ्यूल कट-ऑफ स्विच ‘ऑन’ से ‘ऑफ’ पोजीशन में चले गए। इसका मतलब था कि इंजन तक फ्यूल पहुंचना बंद हो गया। रिपोर्ट बताती है कि दोनों इंजन एक-एक सेकंड के अंतर से बंद हो गए। जब प्लेन के दोनों इंजन बंद हो जाएं, तो एक सुरक्षा प्रणाली एक्टिव होती है जिसे “RAT – Ram Air Turbine” कहा जाता है। यह सिस्टम प्लेन को सीमित समय तक हाइड्रोलिक और इलेक्ट्रिकल पावर देता है ताकि पायलट उसे नियंत्रित कर सकें। Air India plane crash रिपोर्ट में बताया गया है कि 1:38:47 पर यह सिस्टम एक्टिव हो गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश तब तक प्लेन इतनी कम ऊंचाई पर था कि ये पावर प्लेन को संभालने के लिए काफी नहीं था।
किसने बंद किया फ्यूल कट-ऑफ? कॉकपिट में अनसुनी बातचीत और 10 सेकंड बाद मौत की दस्तक”
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जैसे ही इंजन बंद हुए, पायलट केबिन में एक पायलट ने दूसरे से पूछा “तुमने फ्यूल कट ऑफ क्यों किया?” और जवाब मिला “मैंने नहीं किया।” यह संवाद रिपोर्ट में दर्ज है, लेकिन यह नहीं बताया गया कि किसने पूछा और किसने जवाब दिया। इसके बाद की बातचीत रिपोर्ट में नहीं दी गई, जिससे कई सवाल उठने लगे हैं। क्या यह किसी पायलट की जानबूझकर की गई हरकत थी? क्या गलती से हाथ लग गया? या कोई तकनीकी गड़बड़ी थी? रिपोर्ट यहां चुप हो जाती है। टेक ऑफ के लगभग 10 सेकंड बाद, 1:38:52 पर पायलट्स पहले इंजन को दोबारा ऑन करने की कोशिश करते हैं और 1:38:56 पर दूसरा इंजन भी। पहला इंजन फिर से चालू हो जाता है लेकिन दूसरा नहीं हो पाता। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 1:39:05 पर पायलट्स तीन बार “Mayday” कॉल करते हैं लेकिन 1:39:11 पर फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर बंद हो जाता है यही माना जाता है कि यहीं पर Air India plane crash हो गया।
जानबूझकर क्रैश या तकनीकी चूक? “तुमने क्यों किया?” सवाल ने खड़ा किया संदेह

रिपोर्ट में यह साफ नहीं किया गया कि पायलट्स ने खुद फ्यूल कट-ऑफ स्विच बंद किए थे या नहीं। लेकिन लोग “तुमने क्यों किया” वाली लाइन को संदिग्ध मान रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि अगर गलती होती तो सवाल होता “क्या हुआ?” या “इंजन क्यों बंद हो गया?” लेकिन यहां सीधा सवाल किया गया “तुमने क्यों किया?” जो दर्शाता है कि शायद कोई जानबूझकर किया गया कदम था। कुछ लोगों का मानना है कि दोनों में से किसी एक पायलट ने खुद ही जानबूझकर प्लेन को क्रैश किया। शायद उस पायलट को कोई निजी परेशानी थी, या फिर मानसिक तनाव में था। उसी वजह से उसने प्लेन का इंजन बंद कर दिया, ताकि प्लेन नीचे गिर जाए। हो सकता है कि वो आत्महत्या करना चाहता था,और इसके लिए उसने पूरे Air India plane को crash कर दिया लेकिन अगर कोई पायलट सच में आत्महत्या करना चाहता, तो वह दोबारा स्विच ऑन क्यों करता? और क्यों कहता कि “मैंने नहीं किया?” कैप्टन के पास 15,000 घंटे से ज्यादा का उड़ान अनुभव था और वे रिटायरमेंट की तैयारी में थे। को-पायलट भी 3,400 घंटे की उड़ान भर चुके थे। दोनों मानसिक रूप से फिट थे और नशे में भी नहीं थे। सबसे महत्वपूर्ण बात दोनों ने इंजन बंद होते ही तुरंत उन्हें ऑन करने की कोशिश की। यह इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि उन्होंने आखिरी क्षण तक प्लेन को बचाने की कोशिश की।
👉 विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट का लिंक
पायलट की गलती या प्लेन की तकनीकी चूक? रिपोर्ट से नहीं मिला साफ जवाब

तो सवाल यह है कि क्या उन्होंने जानबूझकर कुछ किया? Air India plane crash रिपोर्ट में ऐसा कहीं नहीं लिखा है। यह सिर्फ अनुमान है जो एक संवाद के आधार पर लगाया जा रहा है। दूसरी ओर, तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह बहुत संभव है कि कोई इलेक्ट्रिकल या सॉफ्टवेयर गड़बड़ी हुई हो। अमेरिका की एविएशन संस्था FAA ने साल 2018 में बोइंग 787 विमान को लेकर एक चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस विमान में जो ‘फ्यूल कट-ऑफ स्विच’ होता है (यानी वो बटन जिससे इंजन का फ्यूल बंद किया जा सकता है), उसमें लॉक करने का सिस्टम सही नहीं है। मतलब गलती से भी यह बटन बंद हो सकता है। और यही मॉडल (Boeing 787) उस हादसे में इस्तेमाल हुआ था। एयर इंडिया ने इन बटन की जांच नहीं करवाई क्योंकि FAA ने इसे जरूरी नहीं बताया था।
एक सेकंड में दो इंजन फेल? हादसे के पीछे की असल वजह क्या थी?
अब सवाल यह है कि अगर इन स्विचेस की जाँच होती, तो क्या हादसा रोका जा सकता था? Air India plane crash रिपोर्ट में पायलट्स की पूरी बातचीत रिकॉर्ड है लेकिन उसमें से सिर्फ एक लाइन रिपोर्ट में डाली गई। कई एयरलाइन एक्सपर्ट्स और पूर्व एयरफोर्स अधिकारियों का कहना है कि यह रिपोर्ट पायलट्स को दोषी ठहराने की ओर झुकी हुई है, जबकि तकनीकी पहलुओं की जाँच अधूरी है। टेक ऑफ के सिर्फ एक सेकंड के भीतर दोनों फ्यूल स्विच को मैन्युअली ऑफ करना लगभग नामुमकिन है। ऐसे में यह मानना ज्यादा तर्कसंगत लगता है कि दोनों इंजन एक साथ फेल हुए और पायलट्स ने उन्हें दोबारा स्टार्ट करने की कोशिश की और इसी दौरान प्लेन क्रैश हो गया।
क्या ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग छुपाई जा रही है? उठने लगे सवाल!
यही वजह है कि बहुत से लोग मांग कर रहे हैं Air India plane crash कि ब्लैक बॉक्स की पूरी रिकॉर्डिंग जनता के सामने लाई जाए ताकि असली सच्चाई सामने आ सके। 2022 में चीन में हुए एक क्रैश की तरह, क्या इस बार भी कोई सच दबाया जा रहा है? क्या यह एक दुर्घटना थी या किसी लापरवाही या सिस्टम फेल्योर का नतीजा? यह सभी सवाल अब भारत की एविएशन सुरक्षा प्रणाली के सामने खड़े हैं।
यह Air India plane crash रिपोर्ट फिलहाल शुरुआती रिपोर्ट है जो कि नियमों के अनुसार 30 दिनों में देनी होती है। अंतिम रिपोर्ट एक साल बाद आएगी और तब ही इस हादसे की असली वजह साफ हो पाएगी। लेकिन तब तक सवाल पूछना जरूरी है ताकि कोई निर्दोष पायलट बलि का बकरा न बन जाए और भविष्य में ऐसी लापरवाहियाँ दोहराई न जाएं।
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3 thoughts on “अहमदाबाद प्लेन क्रैश: सामने आई रिपोर्ट आख़िर कौन है इस हादसे का ज़िम्मेदार और क्या है इसकी सच्ची हकीकत?”