रूस में बड़ा विमान हादसा: 48 लोगों की दर्दनाक मौत

क्या आपने कभी सोचा है कि एक पुराना विमान, जिसकी उम्र लगभग 50 साल हो, वह आज भी लोगों को ढो रहा हो? और वो भी एक ऐसे देश में, जहां बर्फ़ीले जंगल, दूर-दराज़ इलाकों और तकनीकी चुनौतियों की भरमार हो? रूस में 24 जुलाई को कुछ ऐसा ही हुआ, जिसने पूरी दुनिया को एक बार फिर हिला दिया।

रूस के सुदूर पूर्व में स्थित अमूर क्षेत्र में एक यात्री विमान Antonov An-24 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। Russian Airplane Crash विमान में 48 लोग सवार थे, जिनमें 43 यात्री (5 बच्चे भी शामिल) और 6 क्रू मेंबर थे। दुखद बात यह है कि इस भयानक हादसे में कोई नहीं बच पाया।

घटना कब और कैसे हुई?

Russian Airplane Crash घटना गुरुवार, 24 जुलाई को उस समय हुई जब Angara Airlines का एक पुराना An-24 विमान अमूर क्षेत्र के टिंडा हवाई अड्डे पर लैंड करने की तैयारी कर रहा था। लैंडिंग से ठीक पहले विमान का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से टूट गया और कोई इमरजेंसी सिग्नल भी नहीं भेजा गया। थोड़ी देर बाद जब विमान रडार से गायब हो गया, तब अधिकारियों ने खोजबीन शुरू की। एक Mi-8 हेलिकॉप्टर की मदद से लगभग 15 किलोमीटर दूर, एक घने और पहाड़ी जंगल में विमान का जलता हुआ मलबा मिला। वहां से धुएं के गुबार उठते दिखे, और चारों ओर टेढ़े-मेढ़े मलबे के टुकड़े पेड़ों के बीच बिखरे पड़े थे।

  • Emergency Ministry ने पुष्टि की कि विमान में 48 लोग सवार थे।
  • जबकि अमूर के गवर्नर वासिली ऑरलोव ने शुरू में बताया था कि विमान में 43 यात्री और 6 क्रू थे।
  • इस जानकारी में अंतर क्यों था, इसका अब तक कोई साफ जवाब नहीं मिला है।
  • विमान में एक चीनी नागरिक भी मौजूद था, जिसकी पुष्टि चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने की है।

लैंडिंग में क्या हुई गलती?

Russian Airplane Crash Terrified airplane passengers reacting in shock as the aircraft suffers a structural breach mid-flight, with a large hole visible in the fuselage
Russian Airplane Crash प्लेन के अंदर डर का माहौल, हर चेहरा सहमा हुआ जैसे मौत बस कुछ ही पल दूर हो!

जानकारी के अनुसार, विमान पहले प्रयास में लैंड नहीं कर पाया था। जब पायलट ने दूसरी बार लैंडिंग की कोशिश की, उसी समय संपर्क टूट गया और दुर्घटना हो गई। शुरुआती जांच में यह भी शक जताया गया है कि हो सकता है कि खराब मौसम और कम विजिबिलिटी (दृश्यता) की वजह से पायलट से कोई गलती हुई हो।

तकनीकी जांच का हाल

  • पूर्वी परिवहन जांच विभाग (Eastern Interregional Investigative Department for Transport) ने इस हादसे को लेकर रूसी दंड संहिता की धारा 263 (भाग 3) के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है।
  • इस धारा के तहत विमान सुरक्षा नियमों का उल्लंघन और लापरवाही से कई लोगों की मौत पर कार्रवाई की जाती है।
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस विमान ने हाल ही में तकनीकी सुरक्षा निरीक्षण (technical safety inspection) पास किया था और 2018 से अब तक यह 4 बार छोटी-मोटी घटनाओं में शामिल रहा था।

विमान की उम्र और सवाल

यह विमान 1976 में बना था, यानी लगभग 48 साल पुराना था। यह वही सोवियत युग का An-24 विमान है, जिसे रूस में अब भी ‘फ्लाइंग ट्रैक्टर’ कहा जाता है। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ये विमान काफ़ी मजबूत माने जाते हैं और साइबेरिया जैसे इलाकों में बर्फ और उबड़-खाबड़ ज़मीन पर बिना पक्की रनवे के भी लैंड कर सकते हैं।

लेकिन सवाल ये है कि:

  • इतने पुराने विमान को उड़ान भरने की इजाज़त क्यों मिली?
  • क्या रूस में नई तकनीक और निवेश की कमी इस तरह के पुराने विमानों को ज़िंदा रखे हुए है?
  • क्या पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों (sanctions) की वजह से नए विमान और उनके पुर्जे रूस तक नहीं पहुंच पा रहे?

इन सभी सवालों ने एक बार फिर रूस की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

  • Angara Airlines साइबेरिया के Irkutsk शहर में आधारित है और रूस के पूर्वी इलाकों में सेवा देती है।
  • इस एयरलाइन के पास 10 An-24 विमान हैं, जो 1972 से 1976 के बीच बने थे।
  • पिछले साल इस एयरलाइन ने सरकार से अनुरोध किया था कि इन विमानों की सर्विस लाइफ बढ़ा दी जाए, क्योंकि रूस में विदेशी कंपनियों के चले जाने से नई मशीनों की भारी कमी है।

इस दुखद हादसे की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भी की है। रिपोर्ट पढ़ें

इससे पहले भी रूस में An-24 और An-26 जैसे पुराने विमानों के क्रैश होते रहे हैं:

  • जुलाई 2021: An-26 विमान कमचटका में क्रैश हुआ – 28 मौतें
  • सितंबर 2021: An-26 एक और दुर्घटना – 6 मौतें
  • 2011: एक और An-24 हादसे के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने इन विमानों को ग्राउंड करने की बात कही थी।

यह हादसा केवल रूस तक सीमित नहीं है, क्योंकि North Korea, Kazakhstan, Laos, Cuba, Ethiopia, Myanmar और Zimbabwe जैसे देश भी An-24 विमान का इस्तेमाल करते हैं। अब जब एक बार फिर इस पुराने मॉडल की वजह से इतनी बड़ी जानहानि हुई है, तो संभव है कि अन्य देश भी अपनी विमान सेवाओं की समीक्षा करें।

  • जहां दुर्घटना हुई, वो इलाका दूर-दराज, बिना सड़कों वाला है।
  • रेस्क्यू टीम को वहां पहुंचने के लिए भारी मशीनों से रास्ता काटना पड़ा।
  • हेलिकॉप्टर वीडियो में साफ देखा गया कि जंगल के बीच धुआं उठ रहा है और मलबा बिखरा हुआ है।

संवेदनाएं और सरकार की प्रतिक्रिया

  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और सरकारी मीटिंग की शुरुआत में एक मिनट का मौन रखा।
  • चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी शोक प्रकट किया।

रूसी सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए विशेष आयोग गठित किया है और साथ ही एयर सेफ्टी को लेकर भी नए दिशा-निर्देशों पर काम शुरू हो गया है।

इस प्लेन क्रैश की घटना को लेकर The times of india ने भी विस्तृत रिपोर्ट दी है, जिसे आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष: एक चेतावनी, एक सवाल

यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं है, यह एक चेतावनी है। जब एक पुराना, आधी सदी पुराना विमान आज भी लोगों की जान ढो रहा है, तो हम किस दिशा में जा रहे हैं? क्या पुरानी मशीनों पर भरोसा करना, जान की कीमत से ज्यादा जरूरी है?
क्या रूस जैसे देश, जो इतने बड़े भू-भाग में फैले हैं, वो अब भी नई तकनीक और सुरक्षा को दरकिनार कर रहे हैं? 48 परिवारों की उम्मीदें, सपने और भविष्य, एक जंग लगे पुर्जे के साथ गिरकर राख हो गए। यह सिर्फ एक खबर नहीं, एक सिस्टम की गहरी खामियों की कहानी है।

अगर आप भी मानते हैं कि हवाई सुरक्षा आज की ज़रूरत है, तो इस खबर को पढ़कर चुप न रहें।
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